झंडा-चादर यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, प्रेस क्लब ने किया स्वागत 

दीक्षा गुप्ता

झंडा-चादर यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, प्रेस क्लब ने किया स्वागत

पिरान कलियर। दरगाह हज़रत साबिर पाक से सैयद हज़रत शाह मंसूर साहब की दरगाह तक अकीदतमंदों की सालाना पैदल झंडा-चादर यात्रा धूमधाम से निकाली गई। यात्रा में हजारों जायरीन शामिल हुए और पूरे सफर के दौरान अमन, भाईचारे और मोहब्बत का पैग़ाम गूंजता रहा। यात्रा की अगुवाई सभासद गुलफाम साबरी, सभासद रशीद साबरी, खादिम अमन इस्तेकर साबरी और खादिम मेहरबान साबरी ने की। यह उल्लेखनीय है कि गुलफाम साबरी पिछले दस वर्षों से लगातार इस पैदल यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं। चादर और झंडा लिए जब कारवां दरगाह शाह मंसूर साहब पहुँचा तो पूरा इलाक़ा “या साबिर” और “या मंसूर” के नारों से गूंज उठा। इस मौके पर कलियर प्रेस क्लब की ओर से भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया गया। क्लब के सदस्यों ने जायरीनों और अगुवाओं का फूलमालाओं तथा साबरी शाफा पहनाकर इस्तकबाल किया। साथ ही जलपान की व्यवस्था कर उनकी खिदमत की गई।

सभासद गुलफाम साबरी ने कहा –

“यह पैदल यात्रा मेरी अकीदत और मोहब्बत का हिस्सा है। दस वर्षों से लगातार शाह मंसूर साहब की दरगाह तक चादर और झंडा लेकर जाना मेरे लिए बड़ी नेमत है। यह सफर अमन और भाईचारे का पैगाम देता है।”

कलियर प्रेस क्लब के अध्यक्ष पंडित जावेद साबरी ने कहा –

“दरगाह साबिर पाक से निकलने वाली यह यात्रा कलियर की रूहानी पहचान है। प्रेस क्लब हर साल इस आयोजन में सहयोग करता है और आगे भी करता रहेगा।”

क्लब के महामंत्री जावेद अंसारी ने कहा –

“यह यात्रा मोहब्बत और गंगा-जमुनी तहज़ीब की जीवित मिसाल है। प्रेस क्लब हमेशा ऐसे आयोजनों में योगदान देता रहेगा।”

वहीं अनुशासन समिति के सदस्य दिलदार अब्बासी ने कहा –

ऐसे बड़े आयोजनों में अनुशासन ही असली तालीम है। जब हजारों लोग एक साथ सफर में शामिल होते हैं तो छोटी सी चूक भी भीड़ में अफरा-तफरी फैला सकती है। सौभाग्य से इस यात्रा में अनुशासन क़ाबिले-तारीफ़ रहा। भविष्य में भी प्रेस क्लब का दायित्व होगा कि किसी भी तरह की अव्यवस्था न होने पाए और समाज के सामने अनुशासन की मिसाल पेश की जाए। इस प्रकार दरगाह से दरगाह तक का यह पैदल सफर न सिर्फ अकीदत और भाईचारे का प्रतीक बना, बल्कि अनुशासन और व्यवस्था की बेहतरीन तस्वीर भी पेश करता रहा।

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