हरिद्वार को मिला नए जिलाधिकारी IAS मयूर दीक्षित को सौंपी गई कमान
हरिद्वार। मयूर दीक्षित, एक 2012 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी, वर्तमान में टिहरी गढ़वाल जिले के जिलाधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। हाल ही में, उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार में 54 करोड़ रुपये के ज़मीन घोटाले के चलते जिलाधिकारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित किया है। इस कार्रवाई के बाद, हरिद्वार के प्रशासनिक ढांचे में बदलाव की संभावना है, और मयूर दीक्षित जैसे अनुभवी अधिकारियों की नियुक्ति पर विचार किया जा सकता है।
प्रशासनिक अनुभव और योगदान
मयूर दीक्षित ने उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जिसमें रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, ऊधमसिंहनगर और अल्मोड़ा शामिल हैं। उनके नेतृत्व में, उन्होंने ‘मिशन इंद्रावती’ जैसी पहलें शुरू कीं, जिसका उद्देश्य जल स्रोतों का पुनर्जीवन था। इसके अलावा, उन्होंने जनता मिलन कार्यक्रमों के माध्यम से नागरिकों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों को त्वरित समाधान के निर्देश दिए।
हालिया घटनाक्रम
हरिद्वार में हुए ज़मीन घोटाले में, उत्तराखंड सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी सहित 12 अधिकारियों को निलंबित किया है। इस घोटाले में सरकारी भूमि के अनुचित तरीके से हस्तांतरण और खरीद-बिक्री संबंधी अनियमितताएं सामने आई हैं। सरकार की इस कार्रवाई से प्रशासनिक ढांचे में बदलाव की संभावना है।
निष्कर्ष
मयूर दीक्षित की प्रशासनिक दक्षता, जनसेवा के प्रति समर्पण और विकासात्मक दृष्टिकोण उन्हें एक प्रभावशाली और प्रेरणादायक प्रशासनिक अधिकारी बनाते हैं। हरिद्वार में प्रशासनिक बदलाव की स्थिति में, उनके जैसे अनुभवी अधिकारियों की नियुक्ति से जिले में पारदर्शिता और सुशासन सुनिश्चित किया जा सकता है।