सलेमपुर का अधूरा तालाब बना काल, ग्रामीण बोले– इलाज चाहिए, तालाब नहीं तालाब बना मौत का कुंआ, सलेमपुर के ग्रामीणों ने उठाई अस्पताल बनाने की मांग

अधूरे तालाब ने निगली मासूम की जान, सलेमपुर में हर साल होती है ऐसी त्रासदी

हरिद्वार । हरिद्वार जिले के सलेमपुर गांव में एक बार फिर लापरवाही ने एक मासूम की जान ले ली। गांव में अधूरे और असुरक्षित पड़े तालाब में डूब रहा था घटना के समय आसपास मौजूद स्थानीय लोगों ने देखते हुए तालाब में चलांग लगाकर बच्चों को बाहर निकाला और तुरंत अस्पताल पहुंचा। लेकिन डॉक्टरों ने किशोर को मृत्यु घोषित कर दिया इस घटना के बाद गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है वही ग्रामीणों का कहना है कि तालाब का कार्य पूर्ण रूप से नहीं हो पा रहा है यह जबकि वर्षों से अधूरा पड़ा है और बरसात के मौसम में तालाब में पानी भारी मात्रा में इकट्ठा हो जाता है। और भारी मात्रा पानी कटा होने के कारण यह जानलेवा बन जाता है। यह कोई पहली बार नहीं है, वही ग्रामीणों का कहना है कि हर साल इस तरह तालाब में डूबने की घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि आंखें मूंदे बैठे हैं। कोई स्थानीय लोगों का आरोप है कि तालाब का निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया है जिससे यह घटना का केंद्र बन गया है वही उन्होंने मांग की है कि
तालाब नहीं, चाहिए : अस्पताल

उन्होंने कहा है कि इस जगह तालाब नहीं अस्पताल का निर्माण कराया जाए ताकि आम जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके और इस तरह के रूक से रख सके। वही गांव में गुस्से और ग़म का माहौल है। ग्रामीणों ने कहा कि जिस जगह ये अधूरा और जानलेवा तालाब बना है, वहां अगर अस्पताल बना होता तो कम से कम लोगों को आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं तो मिलतीं।

ग्रामीणों ने उठाई आवाज गांववासियों ने एक सुर में प्रशासन सें मांग कि है कि तालाब को तुरंत पाटकर उस जगह पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या बनाया जाए।

 

वही स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप कर इस मुद्दे पर कार्रवाई करने की अपील की।

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