वार्ड नंबर 3 पिरान कलियर में कूड़े का अंबार, छात्रों और क्षेत्रवासियों की बढ़ी मुश्किलें, नगर पंचायत पर लापरवाही का आरोप, निवासियों ने दी धरना-प्रदर्शन की चेतावनी

वार्ड नंबर 3 पिरान कलियर में कूड़े का अंबार, छात्रों और क्षेत्रवासियों की बढ़ी मुश्किलें

सूत्रों के हवाले से नगर पंचायत पर लापरवाही का आरोप, निवासियों ने दी धरना-प्रदर्शन की चेतावनी

पिरान कलियर। नगर पंचायत पिरान कलियर की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। वार्ड नंबर 3 का हाल इन दिनों बेहद दयनीय बना हुआ है। नगर पंचायत द्वारा पूरे कलियर क्षेत्र का कूड़ा उठाकर इसी वार्ड में एक स्थान पर डाल दिया जाता है। यह जगह घनी आबादी के बीच है और इसके ठीक सामने एक सरकारी इंटर कॉलेज भी स्थित है।

गंदगी से छात्रों और स्थानीयों का जीना दुश्वार

इस स्थान पर रोज़ाना इकट्ठा किए जा रहे कूड़े के ढेर से उठने वाली दुर्गंध ने पूरे क्षेत्र का वातावरण प्रदूषित कर दिया है। सबसे अधिक परेशानी इंटर कॉलेज के छात्रों और अध्यापकों को हो रही है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चे जब स्कूल जाते हैं तो उन्हें कूड़े से उठती बदबू और चारों ओर फैली गंदगी से होकर गुजरना पड़ता है। इससे न केवल उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि उनकी सेहत भी गंभीर खतरे में है।

बारिश के मौसम ने बढ़ाई समस्या

स्थानीय निवासियों का कहना है कि बरसात के दिनों में हालात और ज्यादा बिगड़ जाते हैं। कूड़े का गंदा पानी सड़क पर बहकर दूर-दूर तक फैल जाता है। तेज बहाव में गली-नालियां जाम हो जाती हैं और पूरे मोहल्ले में गंदगी ही गंदगी फैल जाती है। इस दौरान छोटे बच्चों और राहगीरों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कई बार तो लोग घर से बाहर निकलने से भी कतराते हैं।

बीमारियों का खतरा मंडराया

क्षेत्रवासियों ने बताया कि कूड़े के ढेर से मच्छरों और मक्खियों का प्रकोप बढ़ गया है। डेंगू, मलेरिया और अन्य संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा तेजी से मंडरा रहा है। पहले ही कई लोग बुखार और एलर्जी जैसी समस्याओं से परेशान हैं। स्वास्थ्य विभाग ने भी अब तक इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

नगर पंचायत पर गंभीर आरोप

निवासियों का आरोप है कि नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी और चेयरमैन प्रतिनिधि इस गंभीर समस्या को नज़र अंदाज़ कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं होती। यहां तक कि नियमित सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह ठप पड़ी हुई है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि क्षेत्र की समस्या को गंभीरता से लेते हुए तुरंत समाधान किया जाए, अन्यथा हालात और बिगड़ सकते हैं।

“सेहत के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं”

क्षेत्रवासियों का कहना है कि बच्चों और बुजुर्गों की सेहत के साथ खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अभिभावकों ने भी दो टूक कहा है कि अगर नगर पंचायत ने समस्या का हल नहीं निकाला तो वे बच्चों को स्कूल भेजना बंद करने पर मजबूर हो जाएंगे।

कलेक्टर भवन में स्थापित वी.सी. कक्ष में मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में वर्चुअल्स मीटिंग द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के सभी जिलाधिकारियों से संवाद स्थापित किया। जिसमें प्रदेश में शीतलहर से बचाव के लिए सभी प्रभावी उपाय किये जाने आवश्यक दिशा निर्देश दिए।।

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