भाईचारे की मिसाल: 40वां जोड़ा मेले में सिख और मुस्लिम समुदाय ने मिलकर रचा सौहार्द का इतिहास, 40वां जोड़ा मेला – प्रकाश पूरब श्री गुरु अंगद देव जी एवं बा
बा लख्खी बंजारा जी की याद में मनाया जा रहा है
हरिद्वार। ग्राम टीरा, औरंगाबाद ( में आयोजित हुए 40वां जोड़ा मेले ने न केवल आध्यात्मिक महत्त्व को उजागर किया, बल्कि आपसी सौहार्द और भाईचारे की मिसाल भी कायम की।
श्री गुरु अंगद देव जी और बाबा लख्खी बंजारा जी की स्मृति में आयोजित इस पावन अवसर पर सिख समुदाय और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक साथ आकर सांप्रदायिक एकता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया मेले के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सिख संगत का पुष्प वर्षा कर एवं फूल-मालाओं से भव्य स्वागत किया। यह दृश्य न केवल अद्भुत था, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत की विविधता में एकता की भावना अब भी जीवित है और फल-फूल रही है। सिर्फ स्वागत ही नहीं, मुस्लिम भाइयों ने सिख श्रद्धालुओं को मुहब्बत भरे शर्बत से ताजगी प्रदान की और फल वितरित कर अपने दिलों की गर्मजोशी जाहिर की।
यह दृश्य देखकर उपस्थित जनसमूह भावविभोर हो उठा। इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि गुरु परंपरा केवल धार्मिक सीमा तक सीमित नहीं, बल्कि उसमें मानवता, सेवा और प्रेम का सच्चा संदेश निहित है। सिख गुरुओं की शिक्षाओं ने हमेशा मानवता की सेवा, परस्पर सम्मान और एकता को महत्व दिया है, और इस मेले में वही आदर्श साकार होता दिखाई दिया। जहां आज दुनिया अनेक मतभेदों और विवादों से जूझ रही है, ऐसे समय में इस प्रकार के आयोजन, जिनमें विभिन्न समुदाय एक साथ मिलकर प्रेम और सम्मान के साथ भाग लेते हैं, समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकते हैं। यह मेला न केवल एक धार्मिक समागम था, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी – कि “हम सब एक हैं।”इसमें मौजूद साधु सिंह संत, जसविंदर सिंह प्रधान गुरुद्वारा, अवतार सिंह, मनोज सिंह, बेदपाल सिंह, प्रदीप सिंह, करण सिंह, शेर सिंह,लाखन सिंह, श्याम सिंह, कुलदीप सिंह, मगन सिंह, सुभाष सिंह, मास्टर नरेंद्र सिंह जी, रफीक अहमद, अब्बास खुर्शीद तस्लीम शहजाद साजिद दिलशाद हाजी अमजद अली जीशान गुलजार पूर्व उप्रधान, यूनुस अली आदि मौजूद रहे