सीएम धामी का चला हथोड़ा हरिद्वार नगर निगम ज़मीन घोटाला: सिटिंग कर्मेंद्र सिंह डीएम, पूर्व आयुक्त और PCS अधिकारी अजयवीर सिंह निलंबित
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार के ग्राम सराय में नगर निगम द्वारा की गई भूमि खरीद में भारी अनियमितताओं के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। इस घोटाले की आंच अब हरिद्वार के मौजूदा जिलाधिकारी (सिटिंग डीएम) और तत्कालीन मंडलायुक्त (कमिश्नर) तक पहुंच गई है। सरकार ने इन दोनों वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ तत्कालीन उपजिलाधिकारी अजयवीर सिंह (PCS) को भी निलंबित कर दिया है।
जांच में पाया गया कि नगर निगम, हरिद्वार ने 2.3070 हेक्टेयर कृषि भूमि को अवैध तरीके से अधिग्रहित कर लिया। शहरी विकास विभाग द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रमुख सचिव रवींद्र सिंह जोहान (IAS) को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि भूमि की प्रकृति कृषि होते हुए भी गलत तरीके से खरीद-फरोख्त की गई, जो भूमि व्यवस्था अधिनियम और SOP (मानक संचालन प्रक्रिया) के विरुद्ध थी।
प्राप्त दस्तावेजों और साक्ष्यों के आधार पर यह आरोप सिद्ध होते प्रतीत हो रहे हैं कि अधिकारियों ने काश्तकारों से मिलीभगत कर नियमों को ताक पर रखकर ज़मीन को ‘गैर-कृषि’ घोषित कर खरीदारी को वैध रूप देने की कोशिश की। राज्य सरकार ने इसे अनुशासनहीनता की गंभीर श्रेणी में मानते हुए तीनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। अजयवीर सिंह (PCS) को निलंबन अवधि में जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा, जबकि उनसे यह प्रमाणपत्र भी मांगा गया है कि वह किसी अन्य सेवा या व्यवसाय से नहीं जुड़े हैं। राज्य सरकार का संदेश स्पष्ट है: भ्रष्टाचार में लिप्त कोई भी अधिकारी कार्रवाई से नहीं बचेगा।
यह प्रकरण न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि राज्य सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही की प्रतिबद्धता को भी उजागर करता है।