भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करता है सतयुग कालीन श्री नीलेश्वर गौरीशंकर महादेव मंदिर

भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करता है सतयुग कालीन श्री नीलेश्वर गौरीशंकर महादेव मंदिर

 

हरिद्वार। जो भी भक्त सच्ची आस्था और श्रद्धा के साथ श्री नीलेश्वर महादेव के दरबार में आता है, वह खुशियों की झोली भरकर, हंसते-गाते अपने गंतव्य की ओर लौटता है। यह उद्गार हरिद्वार के प्रख्यात सतयुग कालीन श्री नीलेश्वर गौरीशंकर महादेव मंदिर के श्री महंत हरिदास महाराज ने भंडारे के अवसर पर व्यक्त किए। महंत हरिदास महाराज ने कहा कि यह तपोभूमि अति प्राचीन और सिद्ध स्थल है। मान्यता है कि सतयुग काल में भगवान भोलेनाथ यहां श्री नीलेश्वर के रूप में विद्यमान हुए। जो भक्त यहां सच्चे मन से भक्ति भाव के साथ आते हैं, उन्हें कभी खाली हाथ नहीं लौटना पड़ता, उनकी सभी मनोकामनाएं भगवान श्री गणेश की कृपा से पूर्ण होती हैं। उन्होंने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ विवाह बारात के दौरान माता पार्वती के साथ इस स्थान पर कुछ समय के लिए रुके थे। तभी से यह स्थल नीलेश्वर गौरीशंकर महादेव मंदिर के रूप में प्रसिद्ध हुआ और आज भी यहां प्रतिदिन भक्तों का तांता लगा रहता है।महंत जी ने आगे कहा कि इस तपोस्थली पर समय-समय पर परम विद्वान संत-महापुरुषों ने तपस्या की है। यही कारण है कि यह स्थान साधकों और श्रद्धालुओं के लिए सिद्ध पीठ माना जाता है।

 

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